What is letter writing ?

| What is letter writing ?पत्र लेखन क्या है ? |

पत्र लेखन क्या है ?पत्र लेखन वह कला है जो हमें शब्दों तथा भावों की अभिव्यक्ति के माध्यम से अपने सगे संबंधियों पदाधिकारियों मित्रों संपादकों इत्यादि से जोड़ती है। पत्र लेखन अपने आप में एक सुंदर कला है और हमें हमारे समाज के लोगों को से जोड़ कर रखती है सारांश तो यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है।

पत्र के प्रकार :

पत्र के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं

1. औपचारिक पत्र : इस तरह के पत्र पदाधिकारियों , प्रधानाचार्य, व्यापारियों, ग्राहकों एवं संपादकों को लिखे जाते हैं। 

2अनौपचारिक पत्र : इस तरह के पत्र अपने सगे संबंधियों, मित्रों, रिश्तेदारों एवं जान पहचान के लोगों को लिखे जाते हैं। 

पत्र के भाग :

एक पत्र के निम्नलिखित भाग होते हैं

1. शीर्षक : इस भाग में पत्र लिखने वाले का पता तथा पत्र लिखने की तारीख दी जाती है इसे पत्र के बाएं कोने में लिखा जाता है।

2. अभिवादन : किस भाग में पत्र प्राप्त करने वाले के लिए संबोधन लिखा जाता है।

3. पत्र का मुख्य भाग : किस भाग में पत्र का मुख्य विषय लिखा जाता है पत्र लिखने का मुख्य कारण इत्यादि भी इसी भाग में शामिल किया जाता है।

4. अंशदान या नाम लेखन : इस भाग में पत्र लिखने वाले का नाम एवं हस्ताक्षर शामिल करता है।

पत्र लेखन के लिए महत्वपूर्ण बिंदु :

पत्र को लिखने तथा उसे आकर्षक बनाने के लिए हमें निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए

1. पत्र की भाषा सरल तथा शुद्ध होनी चाहिए जहां तक संभव हो स्पेलिंग एवं सेनाध्यक्ष को सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए।
2. पत्र में मुख्य बिंदुओं का सही उपयोग करना चाहिए एवं कहीं भी अनावश्यक चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए।
3. पत्र में लिखे जाने वाले तथ्यों का क्रमबद्ध होना भी नितांत आवश्यक है तथा यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी चीज की पुनरावृत्ति ना होने पाए।
4. पत्थर के आरंभ में अभिवादन व्यक्ति की उम्र एवं उसके पद की गरिमा के अनुसार ही लिखना चाहिए।
5. पत्र में यदि एक से ज्यादा तत्वों का समावेश करना हो तो हमें अलग-अलग अनुच्छेदों का प्रयोग करना चाहिए।
6. पत्र को शिष्टाचारपूर्ण अंत में अपनी बात को बीच में छोड़कर पत्र का अंत करना गरिमा को नहीं होता।